आकाश_चंद्रिका ❤

मैने कहा – तुम चाँद हो!! मै तुम्हारे ख़्वाब बुन सकता हूँ तुम्हें देख तो सकता हूँ मगर … कुछ भी कर लूँ तुम्हें छू नहीं सकता तुम्हारी रोशनी महसूस तो कर सकता हूँ मगर… तुम्हें अपने आँगन में ला नहीं सकता कुछ भी कर लूँ.. तुम्हें अपना सिर्फ़ अपना बना नहीं सकता उसने कहा […]

अब

तेरे आने के ख़त नहीं आते तेरे चले जाने के ग़म गले नहीं लगते मेरे कूचे में तेरे क़दम नहीं महके बैठ गुंचों की गलियों में ठहाके नहीं लगे बहोत वक़्त गुज़र गया, साथ वक़्त गुज़ारे…. वो बादलों के खेत में सपनें नहीं बोये तितलियों की बातें , रंग ओ गुल पे गुफ़्तगु बहोत पीछे […]